शनिवार, 6 अगस्त 2011
शनिवार, 6 अगस्त 2011

शनिवार, 6 अगस्त 2011:
यीशु ने कहा: “मेरे लोगों, इस सुसमाचार के दर्शन में मेरे प्रेरितों को पानी पर चलते हुए देखकर विस्मय हुआ। सेंट पीटर ने मुझसे पुकारा कि अगर मैं सचमुच वही हूँ तो वह चाहता है कि मैं उसे भी पानी पर चलकर आने के लिए कहूँ। पहले तो सेंट पीटर विश्वास से पानी पर चलने लगा, लेकिन समुद्र की प्रचंडता देखकर उसका विश्वास डगमगा गया और वह डूबने लगा। फिर मैंने उसे समुद्र से निकालकर नाव में उठा लिया, और मैंने तूफान को शांत कर दिया। मेरे प्रेरितों ने कभी किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं देखा था जो पानी पर चल सके, अकेले तो तूफान को शांत करने वाला तो दूर की बात है। ये चमत्कार और अन्य चमत्कारों ने ही मेरे प्रेरितों को मेरी दिव्यता और एक मनुष्य के रूप में मेरी शक्तियों पर विश्वास करने में मदद की। यह पाठ कि मुझमें अपने भक्तों की सहायता करने की शक्ति पर विश्वास रखने का यही वह बिंदु है जिसे मैं सभी मानव जाति को मुक्ति दिलाने के लिए कह रहा हूँ। तुमने मुझे क्रूस पर मरते हुए देखा, फिर मैं तीसरे दिन जी उठा। यह मेरा व्यक्तिगत बलिदान था ताकि मेरा रक्त बलिदान तुम सब को तुम्हारे पापों से बचाने योग्य हो सके। यदि तुम मुझमें शक्ति रखते हो तो अपनी इच्छा मुझको सौंप दो ताकि तुम्हारा विश्वास तुम्हें बचा सके। जैसे मुझमें विश्वास करने से तुम्हारी शारीरिक बीमारी ठीक हो सकती है, वैसे ही मुझमें विश्वास करने से तुम्हारी आत्मा भी ठीक हो सकती है।”