रविवार, 27 जनवरी 2008
संत जोसेफ का संदेश

प्यारे बच्चों, मैं आज तुम सबको आशीर्वाद देता हूँ!
मेरा सच्चा भक्त हमेशा भगवान में मेरी शुद्ध और अटल आस्था की नकल करता है!
अपने जीवन के सभी समयों में, खासकर सबसे कठिन क्षणों में, जैसे 'मिस्र की यात्रा', जैसे 'बाल यीशु का खो जाना', जैसे मेरे गुप्त जीवन की घटनाओं में यीशु और मैरी के साथ नज़रेथ में; मैंने कभी भी आत्मविश्वास और भगवान में विश्वास नहीं खोया!
मैंने अपनी आस्था को किसी भी चीज़ से बदलने नहीं दिया।
तुम्हें भी वही आस्था रखनी चाहिए!
तुम हर दिन मुझसे अपनी आस्था बढ़ाने के लिए कहना होगा। कठिन समय में तुम्हें मेरा ध्यान करना है, मुझे पुकारना है, मदद करने के लिए मुझे पुकारना है!
और सबसे बढ़कर, मेरा ध्यान करो, इस पर विचार करके कि मैंने मुश्किल समय में कैसा व्यवहार किया, ताकि तुम भी वैसा ही कर सको।
सभी कठिन समयों में मैंने प्रार्थना की, शांति बनाए रखी, आस्था, विश्वास, स्थिरता और दिव्य अनुग्रह के साथ सहयोग भी किया।
तुम्हें अपने सांसारिक जीवन में कमी नहीं होने वाले मुश्किल पलों में ऐसा ही करना होगा। ऐसा करके तुम मेरे उदाहरण का पालन करोगे और जैसे मैं हर चीज़ में विजयी हुआ हूँ, वैसे ही तुम भी होगे!
मेरा सच्चा भक्त मेरी अपनी आस्था को दर्शाता है।
मैं तुम्हें शांति देता हूँ! मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हूँ"।