बुधवार, 20 मई 1998
हमारी माताजी का संदेश

प्यारे बच्चों, मैं तुमसे जीवन की अधिक पवित्रता चाहती हूँ। मैं तुमसे जीवन की अधिक शुद्धता चाहती हूँ।
इस छह बजे वाली माला को और ज़्यादा जोश से पढ़ो। यह प्रेम से झुलस जानी चाहिए।"
प्यारे बच्चों, मैं तुमसे जीवन की अधिक पवित्रता चाहती हूँ। मैं तुमसे जीवन की अधिक शुद्धता चाहती हूँ।
इस छह बजे वाली माला को और ज़्यादा जोश से पढ़ो। यह प्रेम से झुलस जानी चाहिए।"
उत्पत्तियाँ:
इस वेबसाइट पर पाठ का स्वचालित रूप से अनुवाद किया गया है। किसी भी त्रुटि के लिए क्षमा करें और अंग्रेजी अनुवाद देखें।