गुरुवार, 16 अप्रैल 1998
हमारी माताजी का संदेश

मेरे बच्चों, हर दिन पवित्र रोज़री पढ़ना जारी रखो। खुद को बदलो! खुद को बदलो! एक दूसरे से बहुत प्यार करो और सबसे बढ़कर भगवान से प्रेम करो। हर दिन रक्त आँसुओं की रोज़री पढ़ो।
मेरे बच्चों, हर दिन पवित्र रोज़री पढ़ना जारी रखो। खुद को बदलो! खुद को बदलो! एक दूसरे से बहुत प्यार करो और सबसे बढ़कर भगवान से प्रेम करो। हर दिन रक्त आँसुओं की रोज़री पढ़ो।
उत्पत्तियाँ:
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